Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story

आज की इस पोस्ट में ,मैं आपको “Paytm success story in hindi – vijay shekhar sharma story” के बारे में बताउँगा। Welcome to blouse designs 2023.

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अनुभव शुक्ला है ,और स्वागत है आप सभी का मेरे इस ब्लॉग moviezees में ,मैं अपनी हर पोस्ट को इस तरह से लिखता हूं कि पढ़ने वाला यह समझे कि मैं उससे बातें कर रहा हूं ।

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अगर  आपका कोई प्रश्न हो तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

परिचय

इंग्लिश ना आने की वजह से बहुत सारे लोग अपने जीवन में फेल हो गए।

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जिनके इरादों में दम हो सीने में गर्मी हो ,और दिमाग में हमेशा कुछ नया करने की लालसा हो न, तो वह अज्ञानता को दोष नहीं देता।

बल्कि वह कमियों को दूर कर अपने लक्ष्य तक जाता है।

मैं आज पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा का परिचय आपसे करवाने जा रहा हूं ।

vijay shekhar sharma Biography /story

विजय शेखर शर्मा बचपन से हिंदी मीडियम में पढेे हुए छात्र थे।

Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story
Vijay shekhar sharma success story

विजय 15 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया।

विजय स्कूल के दिनों में क्लास के पहले मेज पर बैठते थे इसलिए इंजीनियरिंग कॉलेज में भी पहले मेज पर बैठने लगे।

एक दिन टीचर ने इंग्लिश में एक सवाल पूछा और विजय समझ नहीं पाए क्योंकि इससे पहले की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की थी और अंग्रेजी से दूर-दूर तक का कोई वास्ता ना था।

Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story

उस दिन विजय को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई और क्लास में भी उनका बहुत मजाक उड़ाया गया।

इसके बाद से वह लास्ट बेंच पर बैठने लगे। कहते हैं ,कि आपकी कमजोरी कभी आपको फायदा भी पहुंचा सकती है।

विजय क्लास छोड़ना स्टार्ट कर दिया और लाइब्रेरी में जाकर बैठने लगे।

विजय शेखर शर्मा जीवनी – बायोग्राफी

विजय ने लाइब्रेरी में बहुत सारी सक्सेस स्टोरीज पढी सक्सेस स्टोरी ने विजय को काफी प्रभावित किया।

स्टोरीज ने विजय की इंग्लिश को तो अच्छी करी थी और साथ ही साथ उनके सोच को भी बदल दिया।

Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story
Paytm success story in Hindi

यही कारण है ,कि विजय ने खुद का बॉस बनने की सोच ली ,उसके बाद कंप्यूटर लैब में जा जाकर विजय ने कोडिंग भी सीख लिया।

इसी अनुभव से 1997 में अपने सहपाठी हरिंदर के साथ मिलकर indiasite.net नाम की वेबसाइट को डिजाइन किया।

इसके बाद वह दोनों कई छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर भी काम करने लगे।

2 साल बाद एक अमेरिकी कंपनी ने एक मिलियन डॉलर में indiasite.net को खरीद लिया।

2001 में विजय शेखर शर्मा ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर साउथ दिल्ली में एक छोटे से रूम को किराए पर लेकर ,प्रति दोस्त पाँच – पाँच लाख रुपए लगाकर one97 नाम से एक कंपनी बनाया।

वो कम्पनी जो मोबाइल यूजर्स को मोबाइल कंटेंट, जैसे – न्यूज़, s.m.s. ,रिंगटोन और जोकस जैसी सेवाएं प्रदान करता था।

अमेरिका पर आतंकी हमले के कारण one97 का बिजनेस काफी स्लो हो गया और जल्द ही कंपनी का फंड भी खत्म हो गया।

इससे निराश होकर सभी पार्टनर भी भाग खड़े हुए।

2 सालों तक यही स्थिति बरकरार रही 2003-2004 के संघर्ष के दिनों में विजय दूसरी कई जॉब्स करके अपनी कंपनी को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे थे।

अपने स्टाफ कर्मचारियों को सैलरी भी अपने दोस्तों रिश्तेदारों से 24% की सालाना ब्याज पर पैसा लोन लेकर दिया।

विजय की डूबती नैया को पियूष अग्रवाल का सहारा मिला उन्होंने विजय की कंपनी में ₹8 लाख का इन्वेस्टमेंट किया और 40% शेयर खरीदे।

सुधार होने के बाद कंपनी प्रोग्रेस की पटरी पर उतरने लगी।

विजय ने गौर किया कि स्मार्टफोन का उपयोग बड़ी तेजी से बढ़ा रहा है, तो क्यों ना इसलिए थोड़ा कुछ ऐसा किया जाए जिससे लोगों की समस्याओं का निदान हो।

Paytm success story

इसी सोच के साथ विजय शेखर शर्मा ने one97 कम्युनिकेशन लिमिटेड के अंतर्गत paytm नाम की वेबसाइट खोली।

Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story
Paytm success story

इसमें ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज सुविधा शुरू की गई।

अन्य वेबसाइट भी थी जो कि मोबाइल रिचार्ज की सुविधा देती थी। पर पेटीएम का सिस्टम उनकी तुलना में बहुत ही सरल था।

Paytm success story in hindi & vijay shekhar sharma story

पेटिएम का बिजनेस बढ़ा तो विजय ने paytm में ऑनलाइन बैलेंस, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट ,मनी ट्रांसफर, ऑल शॉपिंग जैसे कई फीचर भी जोड़ दिया।

Moral of the Biography & story 

विजय को उनके प्रयासों और संघर्षों का फल मिला और आज पेटीएम भारत का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है।

भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है ,जो रास्ता आसान लगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमेशा सही रास्ते पर चले ।

विजय शेखर शर्मा की तरह अपने रास्ते खुद चुनिए क्योंकि आपको आप से बेहतर कोई नहीं जानता ।

अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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